पत्नी को गुजारा भत्ता (Maintenance and Alimony) दिए बिना तलाक (Divorce) कैसे लें ?
आजकल पत्नी द्वारा झूठे दहेज और घरेलू हिंसा के मामले दर्ज करने का चलन हो गया है और पति को पत्नी द्वारा प्रताड़ित किया जा रहा है। मैं यह नहीं कह रहा हूं कि भारत में दहेज और घरेलू हिंसा के सभी 100% मामले झूठे हैं।
यह लेख/ब्लॉग पोस्ट केवल उन पतियों के लिए है जो निर्दोष हैं और अपनी पत्नी द्वारा प्रताड़ित हो रहे हैं।
ऐसा लगता है कि आजकल विवाह कुछ पत्नी के लिए एक व्यवसाय बन गया है। लड़की उचित योजना के साथ लड़के से शादी करती है और पति के खिलाफ झूठे मुकदमे दर्ज कराती है ताकि अपने पति से पैसे लूट सके।
जरा सोचो :
- क्या यह मानसिकता रिश्ते के महत्व और विश्वासों को नष्ट नहीं कर रही है?
- क्या यह मानसिकता भारत के समाज को नष्ट नहीं कर रही है?
Recomended :
Criminal has no gender :
- अगर पत्नी पति के खिलाफ अपराध कर रही है तो पत्नी दोषी है और सजा की पात्र/हकदार है।
- अगर पति पत्नी के खिलाफ अपराध कर रहा है तो पति दोषी है और सजा का पात्र/हकदार है।
https://youtu.be/SW47E_FaDgk
क्या आपने कभी सोचा है कि अदालत पत्नी को उसके पति से गुजारा भत्ता (Maintenance and Alimony) क्यों देता है?
क्योंकि अदालत को लगता है कि पत्नी पीड़ित है और पति अपराधी है और गुजारा भत्ता (Maintenance and Alimony) पत्नी को तलाक देने के लिए पति को सजा के रूप/समान है।
केवल एक ही शर्त है जब एक पत्नी अपने पति से भत्ता (रखरखाव और गुजारा भत्ता) प्राप्त करने की हकदार नहीं होगी, जब तलाक का आधार साबित करेगा कि पत्नी अपराधी है और पति पीड़ित है।
मान लीजिए पत्नी ने पति से भरण-पोषण पाने के लिए under section 125 Cr.P.C के तहत मामला दायर किया है तो पति को याचिका का प्रत्युत्तर/लिखित उत्तर देना होगा।
पति को याचिका का प्रत्युत्तर/लिखित उत्तर देना होगा और याचिका की लिखित तथ्य होंगे:
- Section 125(4) Cr.P.C, Article 21 (Protection of Life and Personal Liberty), Article 14 धारा के तहत प्रत्युत्तर याचिका दायर की जानी चाहिए।
- पति को तलाक की याचिका संलग्न करनी चाहिए (तलाक याचिका का आधार साबित करेगा की पत्नी अपराधी है और पति पीड़ित है)।
- प्रत्युत्तर याचिका में पति को यह लिखना चाहिए कि वह तलाक नहीं दे रहा है बल्कि अपनी पत्नी से अपनी जान बचाने के लिए उसने तलाक का मुकदमा दायर किया है।
पत्नी अपने पति से निम्नलिखित आधारों पर भत्ता प्राप्त करने की हकदार नहीं होगी:
- अगर पत्नी adultery में रह रही है,
- या यदि बिना किसी पर्याप्त कारण के पत्नी अपने पति के साथ रहने से इंकार कर दे,
- या पत्नी आपसी सहमति से अलग रह रही हो।
- या अगर पत्नी अपने पति को परेशान कर रही है,
- या अगर पत्नी ने अपने पति के खिलाफ झूठा मामला दर्ज कराया है।